Tuesday 31 October 2017

वीडियो कैमरा – ट्राईपोड (Tripod)

कैसे सही ट्राईपोड का चयन करें और इसे प्रभावी रूप से उपयोग करें

ट्राईपोड (Tripod) क्या है - ट्राईपोड सभी प्रकार के फील्डवर्क के लिए बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है भले ही आप एक स्टूडियो कैमरे के समर्थन के लिए भारी ट्राईपोड का उपयोग करें या फ़ील्ड कैमरा या कैमकॉर्डर के लिए हल्के ट्राईपोड का उपयोग करें, यह सभी ट्राईपोड एक ही प्रिंसिपल पर काम करते हैं: उनके पास तीन पैर (पोड) होते हैं जिन्हें अलग-अलग ऊपर या नीचे किया जा सकता है. जिससे कैमरा लेवल में रहे चाहे फिर वह एक अनियमित सतह पर हो जैसे कि एक उबड़-खाबड़ मार्ग, पहाड़ या सीढ़ियां. (चित्र क्रमांक 13(a) देखें). 

चित्र क्रमांक 13(a)

इसके अलावा इन तीन पॉड्स से एक हेड (Head) जुड़ा होता है. ट्राईपोड का हेड वह हिस्सा है जो कैमरे से बेस-प्लेट (Base Plate) के माध्यम से जुड़ता है और कैमरे को मूवमेंट प्रदान करता है. हेड की गुणवत्ता निर्धारित करती है कि आपका वीडियो कितना अच्छा होगा और कैमरा मूवमेंट्स कितने स्मूथ होंगें. इसके पैरों के निचले भाग में स्पाइक (Spike) और/या रबर कैप (Rubber Cap) लगा होता है जिससे ट्राइपोड फिसलता नहीं है.

ट्राईपोड (Tripod) का उपयोग कब करें - जब आप एक कैमकॉर्डर का इस्तेमाल किसी न्यूज़ रिपोर्ट या किसी घरेलु वीडियो के लिए करते हैं तब आप अधिकतर इसे अपने हाथों से या अपने कंधे पर रख कर शूट करते होंगे, पर जब अधिक सटीक और गंभीर काम की आवश्यकता होती है, तब आपको ट्राईपोड (Tripod) का उपयोग करना चाहिए. चाहे क्यों ना आपका कैमरा छोटा और हल्का हो पर जब भी मुमकिन हो कैमरा को ट्राईपोड पर रखकर ही शूटिंग करें.

अब सवाल यह है की जब हम हाथ से और कंधे पर रखकर हर तरह के मूवमेंट के साथ (चाहे वो टिल्ट हो या पैन) सारे शॉट बना सकते हैं तो फिर ट्राईपोड की क्या आवश्यकता है, तो इसको समझने के लिए ट्राईपोड के कुछ फायदे इस प्रकार हैं– 

1. एक ट्राईपोड के साथ शूट करने पर आप जितनी देर चाहे बिना थके कैमरे का संचालन करने में सक्षम होंगे क्योंकि कई बार हाथ से शूट करने पर एक छोटा सा कैमकॉर्डर भी कुछ देर की शूटिंग करने के बाद बेहद भारी लगने लगता है.
2. ट्राईपोड का उपयोग करने से अनचाहे मूवमेंट्स (जो हाथ के हिलने या कहीं ठोकर लगने से आ सकते हैं) से बचाव होगा और आपके शॉट जायदा स्थिर और प्रभावी बनेंगे.
3. अगर आप हाथ से शूट करने में माहिर भी हैं तब भी ट्राईपोड आपके शॉट को जायदा स्थिर बनाने में मदद करता है.

ट्राईपोड पार्ट्स – 

ट्राईपोड सभी प्रकार के फील्डवर्क के लिए बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। स्टूडियो कैमरा के लिए भारी ट्राईपोड का उपयोग होता है वहीं फिल्ड वर्क के लिए हल्के ट्राईपोड का प्रयोग किया जाता है. यह सभी ट्राईपोड एक ही प्रिंसिप्ल पर काम करते हैं – जिसमे एक ट्राईपोड हेड (Tripod Head) और तीन पोड (Three legs/pods) का एक सेट शामिल है. आम तौर पर ये अलग-अलग घटक होते हैं, हालांकि उपभोक्ता स्तर के ट्राईपोड में आमतौर पर हेड और पैर एक साथ जुड़े होते हैं. सही हेड चुनना और समझना कि यह कैसे काम करता है यह बहुत महत्वपूर्ण है.

सही ट्राईपोड का चुनाव कैसे करें - 

ट्राईपोड चुनते समय किसी भी तरह से उसकी गुणवत्ता से समझौता ना करें क्योंकि कई मामलों में एक अच्छा ट्राईपोड आपके कैमरे की गुणवत्ता को बड़ा देता है – 

अच्छे ट्राईपोड में तीन पैर या पॉड्स लगे होते हैं साथ ही एक हेड भी अलग से जुड़ा होता है. उपभोक्ता स्तर के ट्राईपोड में यह दोनों एक ही यूनिट होते हैं वहीँ व्यसायिक स्तर के कैमरा में यह दोनों अलग-अलग मिलते हैं जिससे इसको एडजस्ट करने में जायदा मदद मिलती है और कई परिस्थितियों में पॉड्स को हेड से पहले बदलने की आवश्यकता होती है. 

चित्र क्रमांक 13(b)
ट्राईपोड हेड - 

अधिकांश हेड फ्लूइड हेड (Fluid Head) होते हैं जो इंटरनल फ्लूइड या तरल पदार्थ का काम करते हैं जिससे हेड में चिकनाहट बनी रहती है और कैमरा मूवमेंट में आसानी होती है. सस्ते हेड में ड्रैग करने की क्षमता ना के बराबर होती है. अच्छे हेड में ड्रैग करने के बेहतर नियंत्रण होते हैं और आपको कैमरा मूवमेंट जैसे टिल्ट और पैनिंग के लिए अलग-अलग विकल्प मिलते हैं.  (चित्र क्रमांक 13(b) देखें)
हेड को चलाके जरुर देखें. जब कैमरा मूवमेंट करें तो यह ध्यान रखें हेड का मूवमेंट भी आसानी से होना चाहिए बिना किसी रुकावट के.

इसके अलावा अच्छे ट्राईपोड में काउंटर बैलेंस (Counterbalance system) होता है जो कैमरे को संतुलित रखने में मदद करता है. यदि आपके पास बड़े या असंतुलित कैमरा हैं तो यह आपके कैमरे को आगे या पीछे करने के बेहतर विकल्प भी देता है जिससे शूटिंग के दौरान कैमरा का संतुलन बनाये रखने में भी मदद करता है. 



लेग्स या पॉड्स –

चित्र क्रमांक 13(c)
स्पष्ट रूप से कैमरे के वजन को रखने के लिए पैरों को काफी मजबूत होना चाहिए। यदि ऐसा कोई मौका आता है जहाँ आपको बाद में अपने कैमरे में (जैसे ऑडियो उपकरण, बड़े लेंस, आदि) किसी भी बाह्य उपकरणों को जोड़ना चाहते हैं तो ट्राईपोड उन्हें भी समायोजित करने में सक्षम होना चाहिए. (चित्र क्रमांक 13(c)देखें.)

ऊंचाई रेंज – ट्राईपोड सबसे कम और सबसे ऊपर वाले पॉइंट की जांच करें, जहाँ ट्राईपोड को निर्धारित किया जा सकता है। एक ट्राईपोड जो कम से कम अपने सामान्य आँख के स्तर से थोड़ा अधिक जा सकते हैं तो वह अच्छा है।

वजन महत्वपूर्ण है अगर आप चारों ओर घूमने की योजना बनाते हैं। अच्छी गुणवत्ता वाले लेग्स आम तौर पर भारी होते हैं, लेकिन आधुनिक ट्राईपोड अक्सर वजन कम करने के लिए कार्बन फाइबर जैसे समग्र सामग्रियों का उपयोग करते हैं।

अंत में, जांच करें कि जो ट्राईपोड आप ले रहे हैं उसे सेट करना आसान है या नहीं? आप जल्दी से सेट और पैकअप करने में सक्षम होना चाहिए.


ट्राईपोड को सेट करना – 

चित्र क्रमांक 13(d)
ट्राईपोड के पैरों का खोलें और स्प्रेडर को एडजस्ट करें और पैरों पर लगे हुक को खोलकर इच्छित ऊंचाई तक लेके जाएँ. यदि आप तेज हवाओं में काम कर रहे हैं, तो आप पैरों या स्प्रेडर पर रेत के बैग आदि डालकर ट्राईपोड को स्थिर कर सकते हैं। यदि स्प्रेडर आपके सेटअप में बाधा डाल रहे हैं, तो आप उन्हें हटा भी सकते हैं.

पेशेवर कैमरे और ट्राईपोड हेड दोनों एक प्लेट के साथ आते हैं जिसे बेस प्लेट (Base Plate) कहते हैं जो कैमरे के निचले भाग में लगती है. इस बेस प्लेट को ट्राई पोड हेड पर जोड़ा जाता है, इस प्रकार कैमरे को ट्राईपोड से जोड़ा जाता है. (चित्र क्रमांक 13(d) देखें)

ट्राईपोड के पैन / टिल्ट नॉब को एडजस्ट करें. ट्राईपोड के हैंडल को आम तौर पर दाहिने हाथ से संचालित किया जाता है, जबकि बाएं हाथ कैमरे के फंक्शन (फ़ोकस, आईरिस, आदि) को संचालित किया जाता है. अगर आप कैमरे में सहायक उपकरण जैसे रिमोट ज़ूम या फ़ोकस नियंत्रण को जोड़ना चाहते हैं तो यह जरुर सोचिये की ट्राईपोड की पोजीशन कहाँ रखनी है क्योंकि ऐसा करने पर आप कैमरे को तुरंत रिलीज़ नहीं कर सकेंगे.

ट्राईपोड के हेड के नीचे एक नॉब होता है जिसको ढीला करने से हेड के स्तर को एडजस्ट कर सकते हैं. यदि हेड में स्पिरिट लेवल (Spirit Level) का विकल्प है, तो आप इसे एक गाइड के रूप में उपयोग कर सकते हैं।